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झोपडी में प्रेस वाली के साथ चुदाई भाग 1

दोस्तों मेरा नाम नमक है और यहाँ मैं अपना असली नाम नमी बताना चाहता। पर ये जो मेरी कहानी है पूरी साच है। दोस्तों कुछ महीने पहले मैंने झोपडी में प्रेस वाली के साथ चुदाई कर डाली। मैं 21 साल का लड़का हूँ और में बेरोजगार हूँ।

मैंने पढ़ाई आज से 2 साल पहले ही छोड़ दी थी। तो दोस्तों उस दोपहर मम्मी ने मुझे प्रेस करवाने के लिए कपड़ने दिए। मैं दिल्ली के एक छोटे इलाके का रहने वाला हूँ इसलिए वहा ज्यादा आमिर लोग नहीं रहते। कोरोना काल में मेरी हवस 10 गुना बढ़ गई इसलिए मैं जल्द से जल्द Lockdown Mein Chudai करना चाहता था।

मैं प्रेस वाली के पास गया तो देखा वहा उसकी बैठी थी। वो भी करीब 20 साल की ही थी। अब मम्मी ने कहा था की कपड़े तभी के तभी करवा कर लाइयो। तो मैंने उसे तभी करने को कहा। यही से मेरी antarvasna kahani की शुरुआत हुई।

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उसने मुझे से कपड़े लिए और सड़क के किनारे रखे टेबल पर प्रेस मरने लगी।

वो प्रेस करते हुए अपनी गांड मटकाने लगी और उसे दूध भी आगे पीछे हिलने लगे। उस दिन मुझे को काफी प्यारी लगी और मैं उसे सेक्स करने के लिए चाहने लगा।

मैंने उसी वक्त अपना पुराण खरीदा iphone निकाला और उसे अपनी अमीरी का साबुत देने लगा।

प्रेसवाली का शरीर काफी रसीला था और उसका चेहरा दिखने में भी देसी और सेक्सी था। बाकि उसका रंग काला था पर कोई नहीं अगर किसी लड़की की गांड मोटी है तो मैं उसे जरूर चोदना चाहुगा। उसकी चूचिया काफी नरम दिख रही थी। क्या बताऊ दोस्तों इतने बड़े बड़े मामे मैं अपने मुँह में भरने के लिए बेताब था।

मैंने उस लड़की से कहा “तुम्हारी शादी हो गई क्या ?”

वो लड़की बदले में हस्ते हुए बोली “क्यों क्या हुआ हम क्या बच्चे वाली औरत दीखते है क्या ?”

मैंने कहा “तुम्हारा इतना सुंदर और भरा बदन देखा तो बस ऐसा लगा !”

वो लड़की बिना वजह मेरी बात पर हसने लगी जो इस बात का संकेत दे रही थी की अब उसे पटाया जा सकता है।

लड़की “अच्छा !! हाहा !! वैसे ऐसा क्यों पूछा ?”

मैंने कहा “वो तुम मुझे पसंद आ गई न इसलिए !!”

उसके बाद तो हम दोनों की काफी देर बात हुई और जाते जाते उस लड़की ने मेरा हाथ पकड़ा और पूछा “फिर कब मिलोगे ?”

मैंने रॉब झाड़ कर कहा “अभी तो मुझे काम है पर हम फ़ोन पर बाते कर सकते है !!”

इस तरह उसे मुझे अपना नंबर दिया और उसके बाद JIO जिंदाबाद।

मैं उसकी आँखों मैं साफ देख सकता था की वो मुझे गन्दी नजर से देख रही है। और मेने ये भी सुना है की जो लड़की गरीब होती है वो अपने बॉयफ्रेंड को बॉयफ्रेंड नही बल्कि पति मानती है और उसकी के साथ शादी के सपने देखती है। हलाकि वो मुझे काफी पसंद आ गई थी इतना सेक्सी शरीर बला मैं जिंदगी भर क्यों न चोदना चाहुगा पर दुख की बात यह थी की वो ग्रैब घर की थी और उसका रंग भी कला था साथ ही अनपढ़। ये सब की वजह से न मैं शादी कर सकता और न ही मेरे घर वाले करने देते।

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उसके बाद पहले पहले तो मैंने खूब अच्छी बाते की और उसे सपने दिखाए। वो मेरे प्यार में खो गई उसे ऐसा लगने लगा जैसे मैं उस से शादी करुगा और अपने घर लेकर आउगा।

वो अपने लालच की वजह से मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी और मैं उसके भरे बदन के साथ। अब उसका प्यार सच्चा था जा सिर्फ एक आमिर लड़के का सपना ये तो पता नहीं पर वो मुझे सब कुछ देने को तैयार हो गई। दोस्तों वैसे हमारे बीच बाते तोह काफी हुई पर बताना बेकार है क्यों की यहाँ आप सिर्फ चुदाई कहानी पड़ने आए है। इसलिए सिर्फ सेक्सी बाते ही करुगा।

इस तरह 1 महीने में ही मैंने उसके साथ फ़ोन पर सेक्स करना शुरू कर दिया। वो फ़ोन पर गन्दी आवाजे निकालती और अपनी चुत रगड़ रगड़ कर मेरे लंड की कल्पना करती।

मैं भी कहता की मेरा लंग भैस तुम्हारी योनी को चोदने के लिए ही खड़ा होता है। वो मेरी ऐसी बाते सुनकर अपनी ही चुत रगड़ रगड़ कर लाल कर देती।

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पर दोस्तों ये सब में मजा जल्द ही खत्म हो गया। उसका फ़ोन ढाबा था न तो उस से वीडियो बनाई जा सकती थी और न ही फोटो।

उसे देखने के बहाने में कभी कभी उसे कपड़े देने जाता पर चुदाई जुगाड़ नहीं बन रहा था।

तभी उसने खुद मुझे फोन पर बताया की मेरी माँ और पिता गांव जा रहे है दो दिन के लिए और मैं यहाँ अपने बड़े भाई के साथ रहूगी।

मैंने कहा “तो तेरा भाई क्या हमारी चुदाई देखेंगे ?”

प्रेस वाली – अरे नहीं वो मजदूरी करता है न तो वो पूरा दिन बाहर होगा।

बस दोस्तों अब मुझे जमकर चुदाई करने का मौका मिल गया।

अब मेरी कहानी का पहला भाग यही खत्म होता है अगला भाग नीचे वाले लिंक पर क्लिक कर के पड़े।

मेरी कहानी का भाग दो नीचे दिए गए लिंक पर जाकर पढ़े।

झोपडी में प्रेस वाली के साथ चुदाई भाग 2

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