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चलती ट्रेन मे चुदाई

मेरी नई नई शादी हुई थी इसलिए अपनी वाइफ को देख मैं कामुक हो रहा था। मुझे दिल्ली से रेगिस्थान जाना था पर ट्रैन में सफर करते करते मुझे अपनी बीबी की गांड दिख गई तो बस मैं चलती ट्रेन मे चुदाई करने को मजबूर हो गया। 


मेरा नाम राजन मिश्रा है और आज मैं आप सभी को अपनी chudai ki kahani सुनाने जा रहा हूँ। मैं 28 साल का था जब मेरी शादी मेरी मर्जी के खिलाफ कर दी गई। मुझे किसी आमिर और सेक्सी लड़की से शादी करनी थी पर मेरे माँ बाप ने किसी देहाती और देसी लड़की से मेरी शादी करवा दी। 

शादी के कुछ दिन तो मैंने अपनी देहाती बीबी की तरफ देखा भी नहीं। सुहागरात वाले दिन मेरी बीबी चुदाई और सेक्स चाहती थी पर मैं उसके साथ एक बिस्तर तक पर नहीं लेटा जिस कारण वो सुहागरात वाले दिन ही रो पड़ी। 

कुछ दिन तक ऐसा ही चला उसके बाद हमें वापस लड़की वालो के वहा जाना था किसी रस्म के लिए। वो लोग राजिस्थान में रहते थे और मैं अपनी बीबी के साथ ट्रैन से वहा जा रहा था। अब जाते जाते मैंने कैसे अपनी बीवी की चुदाई की ये जानते है। 

मेरी बीवी लाल साड़ी में मेरे सामने बैठी थी अब तक जो हुआ उस कारण वो भी समझ गई की मैं उसके साथ शादी नहीं करना चाहता था। वो मेरे सामने बैठी थी और मैं अख़बार पढ़ रहा था। बीवी ट्रैन की खिड़की से बाहर देख रही थी और उस वक्त दोपहर हो रही थी। 

अख़बार पढ़ते हुए मेरी एक नजर अपनी बीवी की सेक्सी छाती पर पड़ गई। अब चलती ट्रैन में उसके दोनों स्तन हिलते जा रहे थे। उसका लाल ब्लाउज में छुपे बड़े बड़े स्तन मुझे अपने वश में करने लगे।  

वो इनसबसे अनजान और हताश होकर बाहर देखती रही और मैं उसके स्तनों को देख कामुक होने लगा। न जाने उस वक्त ट्रैन कुछ खली खली थी और दोपहर के वक्त मेरे सामने वाले लोग सो रहे थे।

अख़बार के पीछे मेरा लंड खड़ा हो गया और पैंट से दिखने लगा। उस वक्त मेरा दिल अपनी बीवी को दबोच कर चोद डालने का करने लगा। पर किसी तरह अपने आप को काबू कर मैं रुक गया। 

देखते ही देखते बीवी को नींद आने लगी और वो बैठे बैठे सोने लगी। ट्रैन के हल्के फुल्के झटको से उसका पलु नीचे गिर गया। और उसके लाल ब्लॉउस में फुले स्तन मेरी आँखों के सामने आ गए। 

जैसे ही मुझे स्तनों की दरार दिखी मैं अपना आप खो बैठा। मेरे दिमाग में बस एक चीज़ आई की ये मेरी ही बीवी है और मैं इसके साथ जो चाहे वो कर सकता हूँ। 

मुझे न कोई रोक सकता है और न कोई रोकने वाला है और कुछ दिन पहले सुहागरात में यही लड़की तो मेरा लंड लेने के लिए मरे जा रही थी। 

मैं आगे बढ़ा और अपनी बीवी के साथ बैठ कर उसकी सेक्सी कमर पर अपना हाथ लपेटा और उसके स्तनों को ऊपर से चुने लगा। 

अचानक मेरी इस हरकत से बीवी की आँख खुली और वो मुझे हैरानी के साथ देखने लगी। पर मैं रुका नहीं मैंने एक हाथ उसकी कमर पर लपेटा  हुआ था तो दूसरा उसके स्तन स्तन को ब्लाउज के ऊपर से दबा रहा था। मेरे हाथ उसके स्तनों को चुम रहे थे और मैं चूमता हुआ उसकी गर्दन पर जाते जाते उसके होठो पर चला गया। 

मैंने उसकी आँखों में देखा और धीरे से उसके कोमल होठो को चूमने लगा। देसी बीवी की मासूम आँखों से मैं और कामुक हो गया। वो बेजान होकर मुझे वो सब करने दे रही थी जो मैं चाहता था।   

इस तरह मैंने अपनी बीवी की चलती ट्रेन मे चुदाई शुरू की और उसके कामुक कर दिया। वो मुझ से नाराज थी पर फिर भी मेरे साथ चुदाई करना चाहती थी। देखते ही देखते हमदोनो एक दूसरे के शरीर की गर्मी से गर्म होने लगी। मेरा लिंग अपने सर से अपनी छोड़ने लगा तो बीवी की चुत लार टपकने लगी। 

बीवी के मना करने पर भी मैंने जबरदस्ती उसके ब्लाउज में हाथ डाला और उसके गोलमटोल दूध हाथ में जकड़ कर उन्हें अलग अलग तरह से दबाता रहा।

बीवी शर्म के मारे बैठी रही और मेरी गन्दी हरकतों को सेहती रही। जिस तरह से वो मेरे हाथो को अपने स्तनों पर महसूस कर रही थी उस से साफ पता लग रहा था की वो चाहती है की मैं उसे चुसू। 

कुछ देर बाद स्तनों के साथ खेलने से उसके दोनों निप्पल टाइट हो गए और वो ब्लाउज के बाहर से दिखने लगे। बड़े बड़े निप्पल देख मेरा उन्हें चूसने का दिल करने लगा तो मैंने पास में सोते एक आदमी की गन्दी शाल उठाई और उसे हमारी डिब्बे के शामे लटका दिया। 

अब अंदर हम दोनों ही थे और बाहर से हमे कोई देख नहीं सकता था। मैं जल्दी से आगे बड़ा और अपनी बीवी का ब्लाउज खोल कर उसके स्तनों को दबाने लगा। 

मौका देख बीवी ने भी मेरी पैंट की जीप खोली और उसके अंदर से मेरा खड़ा गर्म लोडा निकाल कर उसे हिलाने लगी।  

उस वक्त मुझे मेरी सावली बीवी भी सेक्सी चुदाई का माल लगने लगी थी इसलिए मैं पागल होने लगा। मैंने बार बार उसके स्तनों को चूसा और उसके होठो को अपने दातो के बीच दबाया। 

देखते ही देखते बीवी ने मेरे लिंग को अपने मुँह से चूसना शुरू कर दिया। मैंने पहली बार किसी लड़की में मुंह में अपना लिंग डाला था। दोस्तों वो पल सबसे हॉट था। मेरी बीवी के हाथ मेरे टोपे को चूस रहे थे और उसकी जुबान मेरे लिंग को नीचे से चाट रही थी। 

बीवी का मुँह थूक से भर गया जिस कारण मेरा पूरा लिंग और गोते थूक की लम्बी लम्बी लाल से सन गए। 

अब इतना आगे बढ़ जाने के बाद मैं चुत ने मरू ऐसा हो ही नहीं सकता था। मैंने अपनी बीवी को वापस उसकी जगह पर बैठाया और उसके बेर उठा कर नीचे से उसके बेटी कोट में अपना सर घुसा दिया। 

अंदर अँधेरा ही अँधेरा था। पेटीकोट के अंदर बस बीवी की जांघो की गर्माहट और चुत के रस की बू फैली हुई थी। 

मैं अंदर घुस कर उसकी कच्छी उतारा और अंदर ही अंदर उसकी चुत अपनी जुबान से चाटने लगा। 

बीवी ने अपनी दोनों जांघो से मेरी गर्दन को जकड़ लिया और कामुक और प्यारी आवाज करने लगी। उसकी छूट गीली, गर्म और सेक्सी थी। 

मैं कभी उसकी चुत के ऊपर अपनी जुबान घूमता तो कभी अंदर बाहर करता। साथ ही अपने होठो से जब मैं उसकी चुत चुस्त तो वो पागल ही हो जाती। चुत की बदबू कुछ खास बुरी नहीं थे पर जब लंड खड़ा हो तो आदमी कुछ भी कर सकता है। 

अंदर चुत चाटने के बाद मैंने अपना सर बाहर निकाला और उसकी साड़ी और पेटीकोट उठा कर चुत मारने लगा। इस तरह मैंने चलती ट्रेन मे चुदाई शुरू कर दी और अपनी बीवी के दूध हिला हिला कर उसे चोदता रहा।  

chalti train me chudai करने में जो मजा है दोस्तों वो मुझे उस दिन पता लगा और एक देसी अनपढ़ बीवी जो कामुक आनंद और चुदाई का मजा दे सकती है वो एक पड़ी लिखी लड़की के बस की बात कहा।

मैं अपनी बीवी के माथे पर अपना माथे रखा और उसके गांड के अगल बगल में अपने हाथ जमा कर अपनी कम्र उसके हले पेरो के बीच मारता रहा। दोपहर के वक्त ट्रैन में आधे से ज्यादा लोग सो रहे थे और यहाँ मैं उछाल उछाल कर अपनी देसी बीवी की सेक्सी और अश्लील तरीके से चलती ट्रेन मे चुदाई कर रहा था।

बीवी ने पुरे वक्त अपने मुँह से एक शब्द नहीं नीलाला और मुझे अपनी मासूमियत के साथ साथ अपनी बेशर्मी भी दिखा दी। वो अपनी टंगे खोल कर बैठी रही और अपने ही स्तनों को अपने हाथो में दबा कर धीरे धीरे चुस्ती रही और मैं उसकी चलती ट्रैन में चोदता रहा। 

बस थोड़ी देर में ही मेरा माल उसकी चुत में झड़ गया। माल झड़ते हुए मेरे दोनों पैर काप रहे थे और मेरी बीवी अपनी चुत में मेरे गर्म पानी का एहसास ले रही थी। 

मेरा सफ़ेद पानी उसकी चुत के अंदर जा चूका था और मैं उसके गंदे होठो जो चूमे जा रहा था। अपनी बीवी का तो पता नही पर मुझे सेक्स का काफी नेज नशा हो रखा था। न जाने केसा बुखार मेरे सर चढ़ गया। मेने अपनी बीवी के बड़े बड़े निप्पल अपनी उंगलियों से मलसना शुरू किया और उसे चूमते हुए अपने झाड़े हुए लंड को उसकी चुत के ऊपर रगड़ता ही रहा। बीवी भी मदहोश कामुक और गन्दी आवाजे धीमे धीमे निकलती हुई मेरा साथ देती रही।

पहली बार ऐसा गन्दा अश्लील सेक्स मेने किसी औरत के साथ किया। कुछ देर बाद मेरा लंड खड़ा होने की हालत में न रहा। लिंग के ऊपरी भाग में दर्द हो रहा था और लाल पड़ गया था। फिरभी अपनी बीवी की मलाईदार चुत मैं चाटने लगा और अपने ही लंड का पानी अपनी मुँह से साफ़ कर दिया। बीवी का शरीर किसी तड़पती मछली समान कापे जा रहा था।


इस तरह मैंने अपनी देसी बीवी को चलती ट्रेन मे चुदाई में चोदा। जब मैं अपनी बीवी को लेकर उसके मइके गया तो उसके माँ बाप उसकी हालत देख डर गए उन्हें लगा की मैंने उसके साथ मार पिटाई की है पर ऐसा नहीं थे ये तो बस देसी चुदाई का नतीजा था। 

बीवी के बाल, काजल, लिपस्टिक, साड़ी, ब्रा, शक्ल, स्तन सब खराब और अड़ेटेड़े हो रखे थे। ये थी मेरी बीवी की चुदाई की कहानी अगर अच्छी लगी तो मेल करना।

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One Comment

  1. Hm pakistan ke rehne wale hai dosto aur yaha ki aurate kafi khubsurat hoti hai apke waha ka kya haal hai zra hme bhi btaye

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