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पड़ोसी ने अपनी ही भाभी को चोद डाला भाग 1

दोस्तों मेरा नाम शिवानी है और मैं दिल्ली की रहने वाली लड़की हूँ। मेरी उम्र 26 साल है और मेरे घर वाले करवाना चाहते है। पर मैंने शादी के लिए मना कर दिया। अब मैंने मजा क्यों किया ये जाने के लिए मेरी सेक्सी चुदाई कहानी को पूरा पढ़ने और मुझे अंत में मेल भेज कर बताए की आपको मेरी कहानी किसी लगी।

मेरी कहानी का नाम पड़ोसी ने अपनी ही भाभी को चोद डाला पढ़कर आप समज ही गए होंगे की ये किस बारे में है। ऐसा कुछ आज से पहले मैंने नहीं देखा था इसलिए इसके ऊपर मैंने एक देसी चुदाई कहानी लिख डाली।

दोस्तों मेरी पिता पर काफी कर्जा चढ़ा था जिस वजह से हमे अपना घर बेच कर किसी छोटी कलोनी में जाना पड़ा। वहा लोग काफी गंदे और ग्वार से थे। बुरी बात ये थी की वह आधा आधा दिन लाइट भी नहीं आती थी।

पर पेसो की मजबूरी से हर किसी को गुजरना पड़ता है। ये बात पिछले लॉकडाउन की है जब कोरोना हुआ था। वो महीना जून का था जब एक दिन लाइट चली गई और हमे गर्मी में रहना पड़ा।

हमारा घर छोटा था तो मैं छत पर चली गई ताकि थोड़ी तजि हवा ले सकू। ऊपर जाते ही मुझे कुछ कामुक और मजेदार नजारा देखने को मिला।

मेरे सपने वाला पडोसी अपनी सगी भाभी को चोदने में लगा था। पहले तो मेरी आंखे खुली रह गई पर उन्हें चुदाई करता देखा मेरी कच्ची पर चुत की लार गिरने लगी।

मेरा पड़ोसी चाय बेचने वाला आदमी था और उसे देख मुझे कभी ऐसा नहीं लगा की वो ऐसा नीच काम भी कर सकता है।

उसने अपने से बड़ी उम्र की भाभी को अपनी ग्राफ्ट में झकड़ रखा था और दिवार से चिपका कर उनके चूतड़ों पर धके लगा रहा था।

भाभी पूरी बेहाल हो राखी थी दोनों का शरीर पसीने से सना हुआ था और भाभी की जांघो से चुत का रस रिस्ता हुआ नीचे जा रहा था। मैं देख हेरा हो गई और उन्हें चुपके से देखती रही।

पड़ी अपनी भाभी के ब्लाउज को जोर जोर से खींच कर फाड़ने लगा और भाभी कामुक आवाजे लेते हुए हसने लगी। हरामी पड़ोसी ने एक जोरदार झड़के से ब्लाउज तो फाड़ दिया और भाभी के थन बाहर निकल पड़े।

मुझे समज नहीं आता की मर्दो को औरतो की छाती देख इतना पागलपन क्यों चड़ता है। पड़ोसी के हाथ जैसे ही भाभी के दूध लगे और तो और पागल सा होने लगा।

वो भाभी के नजर छाती को अपने हाथ से निचोड़ता हुआ उनकी गांड को चोदे जा रहा था। दूर से मुझे कुछ पता नहीं लग रहा था को वो उनकी गांड चोद रहा है या चुत।

देखते ही देखते मेरा भी भोसड़ा गीला हो गया। पर खुली छत पर मैंने अपने साथ कुछ नहीं किया। पड़ोसी के कूल्हे हिलते हुए देख मुझे भी काफी आनंद आ रहा था पर चुदाई की वजह से जो हालत भाभी की हो राखी थी उसे देख मुझे डर लगने लगा।

मैं सोचने लगी की अगर मेरी शादी हुई तो क्या मेरा पति भी मुझे इस तरह चोदेगा ?? क्या मैं भी भाभी जैसी रंडी दिखने लगोगी ? मेरी चुत चुदाई की वजह से बड़ी हो जायगी ?

ये सब सवाल मेरे अंदर घूमने लगे डर लगने लगा। इसलिए मैंने उसी पल सोच लिया की मैं शादी नहीं करने वाली। और दूसरी तरफ अंदर ही अंदर मैं ये भी चाहती थी की कोई मर्द मुझे इस तरह मारकूट कर चोदे इस लिए मैं वहा खड़ी उनकी चुदाई देखती रही और अपनी जांघो को आपस में रगड़ती रही।

देखते ही देखते धुप भी आ गई और मैं तेज सूरज की गर्म रौशनी में खड़ी चुदाई देखती रही।

मेरी छाती भी पसीने से गीली हो गई और गीली कमीज से निप्पल देखने लगे। दोस्तों मेरी कहानी का ये पहला भाग है दूसरा भाग पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाए और मुझे मेल करने बताए की मेरी अश्लील कहानी आपको किसी लगी।

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2 Comments

  1. Wow ये वाली सेक्स कहानी में कुछ तो दम था। कोमल चुत से लंड लगाना चाहोगी ?

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