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रसीली बहन की चटाई पर चुदाई !! 🙈🙈💦💦

55 साल के सूरज जब 15 साल के थे तब उन्हें पता लगा की उसे उसके माँ बाप ने गोद लिया है। ये जानते ही उसने अपनी सौतेली बहन पर गन्दी नजर डाल दी। उन्होंने 26 साल की उम्र में जैसे तैसे अपनी ही बहन के साथ सेक्स का रिश्ता बना लिया और उसकी खूब चुदाई की। ऊपर से देसी तकरीके से चटाई पर चुदाई का तो मजा ही कुछ और है। बहन के बड़े थन खूब चूसे और गांड पर चाटे भी मारे।


बहन की अन्तर्वासना मिटाई !! 😎

अपनी बहन की चुदाई करने के लिए मैं कुछ भी कर सकता था। इसलिए जब मुझे मौका मिला तो मैंने अपनी बहन की चटाई पर चुदाई कर डाली। दोस्तों ये मेरी पहली सेक्स कहानी है जो मैं यहाँ आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ। मेरा नाम है सूरज और मैं आज 55 साल का हूँ पर मेरी ये चुदाई कहानी मेरी जवानी के दिनों की है जब मैं करीब 26 साल का था और मेरी बहन 22 साल की।  

मेरी बहन का नाम प्रिय था और वो उम्र में बड़ी होने के साथ साथ काफी सेक्सी और हॉट भी हो गई थी। अच्छी बात ये थी की वो मेरी सौतेली बहन थी। मुझे 15 साल की उम्र में पता लगा की मेरे माँ बाप ने मुझे गोद लिया था और मेरा और उनका खून का रिश्ता नहीं है। बस उसी दिन के बाद से मैं अपनी सौतेली बहन को कामवासना की नजरो से देखने लगा। 

(उम्र के साथ साथ बहन की छाती भारी होती गई और सूरज हर दिन अपनी बहन की चुदाई कल्पना कर बार बार मुठिया मारा करता।)

सौतेले बाप के साथ चुदाई भाग 1

अब जैसे जैसे हम बड़े होते गए मेरा लंड और चुदाई की भूख भी बढ़ती रही ऊपर से मेरी बहन के स्तन और गांड की मोटाई भी बढ़ती रही जिसे देख मेरा लंड हर दिन खड़ा हो जाता। 

मेरे पिता एक किराने की दुकान चलाते थे और मेरी माँ एक छोटे स्कूल में पांचवी क्लास तक के बच्चो को पढ़ाती थी इसलिए दिन के वक्त ज्यादा तक घर पर मैं और मेरी बहन ही होते थे। 

उस दिन ऐसा हुआ की माँ को संडे वाले दिन स्कूल के समारोह में जाना था और पापा को रोज की तरह दुकान पर। मेरी ऑफिस की छूटी थी और बहन की भी कॉलेज से छूटी थी। 

हम दोनों घर पर अकेले थे मेरी बहन के स्तनों का साइज 37 था कमर 28 और गांड 40 थी। जब भी वो टाइट कपड़े पहनती तो मैं उसे देख कामुक हो जाता। 

उस दिन उसने काली जीन्स और टाइट टीशर्ट पहनी थी उसके स्तनों की गोलाई और उसका सुडौल शरीर देखकर मैं कामुक हो गया। 

उसके बड़े बड़े थनो के टाइट नीपल टीशर्ट से दिख रहे थे। उसे देखते हुए मैं कल्पना करने लगा की मैं अपनी भें की कमर पर हाथ रख उसके होठो को चुम रहा हूँ और दूसरे हाथ से उसकी छाती को अलग अलग तरह से जल्दी जल्दी दबा रहा हूँ। ये बस मेरी कल्पना ही नहीं बलि इच्छा भी थी।

हिमत कर अपनी बहन को चूमा !! 😘😘

उस दिन मैंने हिमत करके अपनी बहन के मुँह पर कहा ” प्रिय तू मेरी बहन है पर मैं तुझे अपनी बहन की नजरो से नहीं देखता !! “

बहन – क्या बोल रहा है तू !!!!

मैंने उसके बाद कुछ नहीं बोला और सीधा अपनी बहन के होठों से अपने होंठ चिपका बैठा। 

उसके बाद मैंने उसकी जांघो बीच अपना हाथ रगड़ना शुरू कर दिया जिस से वो कामुक होने लगी। 

मैं उसके होठो को इसी पागल आशिक़ की तरह चूस रहा था। 

इसके 2 मिंट बाद बहन ने मुझे धका दिया और मुझे शर्मा कर देखें लगी। 

भाई – देखो तुम भी यही चाहती हो न ?

बहन – मैंने भी तुम्हे कभी भाई की नजरो से ……

बस उसके बाद मैंने उसे बात पूरी भी नहीं करने दी और उसे दोबारा चूमने चाटने लग गया। उस वक्त हम छत पर थे बहन के रसीले होठो ने मेरा लिंग खड़ा कर दिया। 

अब चुदाई तो मैं खुली छत पर नहीं कर सकता था तो मैंने प्रिय का हाथ पकड़ा और उसे नीचे लगाया। 

नीचे जाकर देखा तो माँ ने बिस्तर का गद्दा धुप में रख दिया था। 

मुझे चुदाई की इतनी जल्दी थी की पास पड़ी चटाई मैंने उठा कर सख्त ठंडी जमीं पर बिछा दी। 

मेरी बहन लम्बी और मॉल दर शरीर वाली थी ऊपर से मैं  उस वक्त मोटापे से भरा था तो सिंगल बेड या सोफे पर चुदाई से अच्छा मुझे चटाई पर ज्यादा अच्छा लगा। 

(चटाई देख बहन को लगा की सूरज सिर्फ और सिर्फ उसके साथ चुदाई करना चाहता है। पर वो भी यही चाहती थी। दोनों को हवस के बदले हवस मिली और इस से अच्छी बात और क्या हो सकती है।)

दो परिवार का प्यार भाग-3

चटाई बिछा कर मैने बहन की तरफ देखा तो वो गन्दा सा मुँह बनाकर मुझे देखने लगी और बोली ” मुझे नहीं पता था की तुम्हे बस मेरे छेद से मतलब है !! “

मैंने कहा ” छेद से नहीं पुरे शरीर को चोदना चाहता हूँ मैं तुम्हारे !! “

ये सुनकर बहन की हसी छूट गई और वो अपनी टाइट जीन्स उतार कर मेरे साथ चटाई पर लेट गई। तो दोस्तों यहाँ से शुरू होती है भाई और बहन की सेक्स कहानी। 

मैं अपनी सौतेली बहन के साथ लेटा और उसकी सेक्सी कमर को हाथो से जकड़ कर मैं उसके मोटे स्तन अपनी छाती पर छिपा लिया। उसके बाद बहन अपने आप ही मुझे प्यार से चूमने लगी और मैं अपना लंड जीन्स से निकाल कर उसकी दोनों नंगी जांघो के बीच रडने लगा। 

कुछ देर में ही मेरी बहन को मेरे गर्म लंड का मजा आने लगा और उसकी चुत के पानी से उसकी कच्छी गिलगी हो गई।  

मैं उसके होठो से उसके स्तनों पर गया और उन दबा दबा और चूसने लगा। प्रिय की नरम और गर्म छाती इतनी सेक्सी थी की मेरा मुँह रुक ही नहीं रहा था। 

मेरी जबरदस्त स्तनों की चुसाई से बहन के स्तन लाल होने लग गए। स्तन चूसते हुए मैंने बहन की कच्छी में हाथ डाला और उसकी गीली योनी को मेरे लैंड के काबिल बनाने लगा।  बहन की बड़ी चूचिया मैंने अपने मुँह में दबा राखी थी। नरम छाती चूसता हुआ मैं उसके पुरे शरीर पर अपने हाथ चलाने लगा। मेरी बहन ठीक मेरे मुँह के सामने गहरी सासे लेती हुई मुझे चूमती रही। वो अपने बड़े नाखून वाले हाथो से मेरे कंधे नोचने लगी। साथ ही कभी मेरे चूतड़ को भी अपने एक हाथ से नोचती रही। 

प्रिय की चुत पर काफी बड़े बड़े बाल थे जो उसके रस से गीले थे मैंने कुछ देर उसके स्तन चूसते हुए उसकी चुत में ऊँगली की और जब बहन अपने चरम सुख के करीब थी तो मैंने उसकी कच्छी उतरी और उसकी एक जांघ उठा और अपने लंड को अंदर गुसा दिया। 

जैसे ही बहन की चुत के दरवाजो के बीच मेरा गर्म खड़ा लंड गुसा तो बहन गहरी और लम्बी सासे लेने लगी। उसके सुडौल सेक्सी शरीर में हल्की हल्की कम्पन शुरू हो गई। 

उस दिन मैंने पहली बार किसी औरत के सरीर को इस तरह देखा। प्रिय उस वक्त कुछ बोलने सुने की हालत में नहीं थी वो बस चुदाई के सुख का भरपूर आनंद ले रही थी। 

पहले तो मैंने अपना लंड धीरे धीरे उसकी चुत में रगड़ा और प्रिय का सुंदर चेहरा देखा फिर मैंने अपनी कमर हिलानी शुरू की तो प्रिय तो पागल ही होने लग गई। 

तो मुँह से सेक्सी आवाजे निकालने लगी और तेजी से कापने लगी। चुदाई के कुछ ही देर बाद उसकी चुत ने मलाई छोड़ दी। 

पर मैं उसकी चुदाई करता रहा और उसकी मलाई दार चुत में ही अपना लंड अंदर बाहर करता रहा और बहन को चटाई पर चोदता रहा। 

उस वक्र सर्दिया चल रही थी और मैं अपनी बहन को ढंडी जमीं पर चटाई बिछा कर चोद रहा था। मैं लगातार तेजी से अपनी कमर हिला कर बहन को चोद रहा था और बहन का रसीला नरम शरीर आगे पीछे हिलता जा रहा था। एक तरफ तो मेरे लंड से पानी छूटने वाला था पर दूसरी तरफ मैं रोकना नहीं चाहता था। अगर मेरा लंड दिन भर खड़ा रहे तो मैं अपनी बहन को इस तरह ही चोदता रहता। बहन की बुर का माल उसकी जांघो तक आ पंहुचा और मेरी गांड भी लसलसी हो गई। उसका सफ़ेद चुत का माल मैं चखना चाहता था पर मैं चुदाई रोकना नहीं चाहता था। 

बस फिर क्या बहन की सुंदरता मेरे लंड ने अपने गोटे टेक दिया और अपनी लसी बहन की चुत के अंदर छोड़ दी। 

अब चुदाई से हम दोनों हाफने लगे और एक दूसरे से इसी तरह चटाई पर प्यार करते रहे।  

मैंने पहली बार चटाई पर चुदाई की थी और उस दिन मैंने पहली बार अपना चुदाई का सपना पूरा किया था। 


तो दोस्तों ये थी मेरी अन्तर्वासना सेक्स कहानी अगर अच्छी लगी तो मुझे मेल करके जरूर बताना और मेरी दूसरी Desi Sex Kahani का इंतजार करना। 

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