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देसी भाभी के साथ अश्लील रात

उस रात मैं अपनी बीबी को छोड़ कर अपनी भाभी के साथ चुदाई मचाने उनके कमरे में चला गया। दोस्तों मेरा नाम है सोहन और ये है मेरी सेक्स कहानी देसी भाभी के साथ अश्लील रात। मैंने अपनी कहानी में सब कुछ सेक्सी तरीके से बताया है जिसे पड़ने के बाद आपका मुट्ठी मारने का मन करने लग जायेगा। 

दोस्तों मेरी भाभी देवर की सेक्स कहानी करीब 2 साल पहले की है जब हमारा पूरा परिवार एक साथ एक ही घर में रहता था। 

उन दिनों मेरे छोटे भाई की नई नई शादी हुई थी और उसकी बीबी यानी मेरी भाभी काफी सेक्सी थी। उनका फिगर काफी हॉट था क्यों की उनकी कमर पतली स्तन बड़े और उस से पानी उनकी गांड थी। 

उनकी गांड की चौड़ाई देख हर बार मेरे दिमाग में उनके साथ दोगी स्टाइल करने का ख्याल आता। उनका नाम करिश्मा था और उनका रंग सावला था इसलिए मैंने अपनी इस सेक्सी कहानी का नाम देसी भाभी के साथ अश्लील रात रखा है। अब इन सबके साथ वो कम पढ़ी लिखी भी थी दो दोस्तों हुई न वो देसी भाभी। 

भाभी को सेक्सी साड़ी पहना काफी पसंद था खास कर वो वाली जिसमे उनकी कमर दिखे और उनके मटकते कूल्हे सबकी नजरो में आए। 

मेरा भाई उनसे सच्चा प्यार करने लगा अब दोस्तों ये बात तो सभी तपा है की अगर अपने औरत के सामने घुटने टेक दिया तो वो औरत आपको सेक्स का सुख देने में काफी नखरे दिखाएगी। 

कुछ ऐसा ही मेरे भाई के साथ हुआ भाभी उस मजे लेती रहती और उसे हर रात खड़े लंड पर धोखा दे देती। 

और दूसरी तरफ मैं था जिसकी बीबी हर दिन सेक्स करने के लिए तड़पती रहती थी। जब मेरी भी नई नई शादी हुई थी तो मैं भी अपनी बीबी की गांड तोड़ चुदाई करता था पर वक्त के साथ साथ मोटी हो गई और मेरी उसमें यौन रुचि खत्म हो गई। 

 पर मेरी गन्दी नजर भाभी के कामुक सहरीर पर ही रहती थी। भाभी और मेरी जब भी बात होती थी तो मेरी नजरे उनकी चरन छाती पर ही रहती थी और ये बात भाभी को भी पता थी। 

भाभी फिर भी मुझ से मजे लेने के लिए मेरे सामने मटक मटक कर चलती थी और अपना कामुक शरीर हिला हिला कर मुझे दिखाती थी। 

एक दिन मैं अपने कमरे में अकेला गन्दी फिल्म देख अपना लिंग सेहरा रहा था। उस वक्त मैं इतना कामुक हो गया की कमरे की कुण्डी लगाना ही भूल गया। 

मेरी बीबी बाहर किसी काम से गई हुई थी और उस वक्त शाम के 7 बज रहे बज रहे थे। 

तभी भाभी मुझे चाय देने मेरे कमरे में घुस गई। उन्होंने जोर से दरवाजा खोला और मुझे अपना लंड पकड़े देख लिया। 

मैं हड़बड़ाहट में अपना खड़ा लंड अपनी पैंट के अंदर घुसा दिया और उठ कर बैठ गया। 

भाभी ने सब देख लिया था उसके बाद भी उन्होंने कुछ नहीं कहा और मेरे सामने चाय और बिस्कुट रख हर मुझे हस्ते हुए देखि और वहा से चली गई। 

और कुछ देर तो मैं अपने आप को गालिया देता रहा पर फिर भाभी की वो मुस्कान देख मुझे समज गया की भाभी मुझे क्या कहना चाहती थी। 

मैं उसी रात अपना लंड पकड़ कर भाभी के पास चला गया। पुरे घर में एक भाभी ही थी जो खाना खाने के बाद छत पर टहलती थी। 

तो मैं भी उसकी रात अपना खड़ा लंड लेकर भाभी के पास चला गया। छत पर भाभी अकेली अपने फ़ोन पर गाने सुन रही थी जैसे ही मैं उसके सामने गया तो वो हसने लगी। 

उनकी हसी मेरे लिए हाँ थी तो मैं उसके पास गया और उनकी कमर पर हाथ रख कर अपने पास खींच लिया। 

मैंने खींच कर उनकी नरम छाती अपनी सख्त छाती से छिपा डाली और भाभी मेरी आँखों में देखने लगी। 

मैं उनकी आँखों में ऑंखे डाल कर अपने होठों को उनके होठों के पास लेजाने लगा। तभी भाभी ने खुद ही मुझे चूमना शुरू कर दिया। 

बस उसी वक्त मेरे नादर जो भाभी के लिए Antarvasna थी वो बाहर आने लगी। मौका मिलते ही मैं भी भाभी को हर गन्दी जगह छुने लगा और भाभी भी मेरे लिंग को हाथ लगाने लगी। 

अब इस से पहले कोई छत पर आता मैं भाग कर गया और छत का दरवाजा ऊपर से बंद कर दिया। 

छत पर काफी अँधेरा था और मैं भाभी के साथ रोमांस कर रहा था और हम दोनों गन्दी गन्दी कामुक बाते भी कर रहे थे। 

देसी भाभी के साथ मैं इतना कामुक हो गया की मेरा वही चुदाई करने का मन करने लगा। मैं भाभी के ब्लाउज में हाथ डाला और उनके स्तनों को वाली दबाने सहलाने लगा। 

भाभी बस शर्माती रही और मेरे कंधो पर हाथ रख कर मुझे गन्दी हरकते करने देती रही। थोड़ी देर बाद मैं उनकी गर्दन पर चूमने लगा और उनकी कमर को हाथो से पकड़ कर उनके स्तनों की दरार ने अपना मुँह देने लगा। 

उसके बाद भाभी की चुत गीली हो गई और उन्होंने सीधा मेरे कान में धीरे से कहा डालो अंदर !!

भाभी के इस हुकुम पर मैं जल्दी से अपनी पैंट खोला और भाभी ने अपनी साड़ी और पेटीकोट अपने दोनों हाथ से उठाया और अपनी कच्छी नीचे कर के मेरे सालने कड़ी हो गई और बोली ” कैसे करोगे !! “

मैं भाभी की एक जांघ उठाया और उनकी गीली चुत में अपना सूखा लंड घुसाने लगा। 

लंड घुसा कर मैं अपनी कमर हिलाने लगा और भाभी के साथ छत पर सेक्स करने लगा। 

उस वक्त तजे ढंडी हवा भी हमे रोक न पाई।  

मैं जोर जोर से अपनी कमर भाभी की चुत पर मार कर अपना खड़ा लंड उनके अंदर रगड़ने लगा। 

दोस्तों देसी भाभी की तो बात ही कुछ अलग होती है।

ऊपर से अगर भाभी अनपढ़ ग्वार हो तो मजा ही आ जाया है। 

भाभी – अह्ह्ह केसा लग रहा है !!! हमने पहली बार किसी मर्द का लंड छत पर लिया है। मुझे ज्यादा देर मत चोदना वरना मेरी चुत अंदर से बड़ी हो जाएगी। 

ये सुनकर मैं हस पड़ा और भाभी को बोला ” भाभी कितनी क्यूट हो आप !! “

उसके बात मैं घपा घपा उनकी चुत को चोदता रहा और ब्लाउज के ऊपर से ही उनके स्तनों को दबाता और चूसता रहा। 

जब मुझ से रहा नहीं गया तो मैंने भाभी का ब्लाउज खोल दिया और भाभी अपने हाथो से अपने स्तनों को छुपाने लगी। 

मैंने कहा – क्या हुआ भाभी इन्हे क्यों छुपा रही हो !!

भाभी – पागल हो क्या दिख नहीं रहा यहाँ कितनी ठण्ड है और ऊपर से कोई आ गया तो मैं जल्दी से इसे पहन भी नहीं पाउगी। 

मैंने भाभी के हाथ पकड़े और उन्हें खींच कर अपनी छाती पर रख कर कहा ” फ़िक्र मत करो भाभी जी मैं हूँ न। “

जब मैंने स्तनों पर नजर डाली तो देखा वो तो काफी बड़े और लटके हुए थे। 

लम्बे लटकने वाले स्तन मुझे काफी ज्यादा सेक्सी लगते है क्यों की जब आप चुदाई करते हो तो वो आगे पीछे हिलते है।  

क्यों की भाभी के स्तन बड़े और लटके हुए थे मैं उनमेसे एक को उठाया और उसे चूसने लगा और दूसरे को भाभी के होठों से चुसवाने लगा वैसा ही जैसा अंग्रेजो की गन्दी फिल्मो में होता है। 

भाभी कामुक तरीके से अपने ही स्तन को चूसने लगी। उसके बाद मैं एक स्तन को दबाता रहा और भाभी के साथ दूसरे स्तन को चूसने चाटने लगा। 

थोड़ी देर में भाभी की मलाई निकलने लगाई और मेरे पेरो पर गिर गई। इतनी ठण्ड की वजह से मेरे टाटे भी सिकुड़ गए और मैंने भी अपना अपनी भाभी की चुत में छोड़ दिया। 

भाभी एक पैर पर खड़ी खड़ी चुदने के बाद काफी थक गई और मुझ से गले लग कर कड़ी हो गई। 

हम दोनों गहरी सासे लेते लेते गले लगे रहे और उसके बाद हमने कपड़े पहने। 

बस चुदाई के बाद हम दोनों वापस नीचे गए और अपने अपने पति पत्नी के साथ सो गए। 

उसे बाद भाभी और मैंने कई बार सेक्स किया और मैंने भाभी की नादानी का काफी फायदा उठाया। 

जब भाभी को पता लगा की वो अपना ही परिवार और रिश्ता खराब कर रही है तो भाभी ने सेक्स करने से मना कर दिया। 

करीब 3 साल तक हमने खूब सेक्स किआ दोस्तों और बस ये थी मेरी देसी भाभी के साथ अश्लील रात। 

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