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पुराने दोस्त के साथ एक रात

मैंने अपनी पुराने दोस्त के साथ गांड मस्ती की और काफी चुदाई के साथ हम दोनों थक कर सो गए। मैं गे नहीं हूँ और न ही मुझे लड़को में किसी भी तरह की दिलचस्पी है पर पता नहीं कैसे उस रात ये सब हो गया। दोस्तों मेरा नाम है गौरव(नकली नाम) और चलिए शुरू करते है मेरी हॉट हिंदी सेक्स कहानी जिसका नाम है पुराने दोस्त के साथ एक रात। दोस्तों ये मेरी पहली गे सेक्स कहानी है इसलिए मेरे साथ जो कुछ हुआ वो सब मेरे लिए नया था। 

मैं यहाँ फालतू की भागते नहीं करुगा इसलिए ये कहानी छोटी होगी। मेरी ये Gay Sex Story मेरी और मेरे दोस्त अजय की है। 

मैं हॉस्टल में रहा करता था और मेरी उम्र 21 साल थी। 

मेरा वहा कोई दोस्त नहीं था और मैं ज्यादा वक्त अकेला ही रहता था। 

मैं चाहता था की मेरा भी कोई दोस्त हो पर वहा किसी से मेरी बनती नहीं थी। तभी वहा एक नया लड़का आया जिसका नाम अजय था।   

वो मेरा पुराना दोस्त था जो मेरे ही साथ पढ़ने के लिए उस हॉस्टल में आया था। 

हमारी कुछ दिनों में ही अच्छी दोस्ती हो गई। पर कुछ दिन बाद वो अचानक मेरे बिस्तर में घुस आया। 

मैं और मेरे साथ 3 और लड़के एक ही कमरे में रहा करते थे। जब हम चारो सो रहे थे तभी अजय कमरे में आकर मेरे कंबल के अंदर घुस गया और मुझे गले लगा लिया। 

उसे देख मैं चौक गया और धीरे से बोला ” तू यहाँ क्या कर रहा है अजय ? ”  

अजय – भाई मुझे नंद नहीं आ रही थी सोचा यहाँ आकर थोड़ी मस्ती करलु !!

गौरव – ये कोनसी मस्ती है भाई ?

अजय – चल यार छोड़ न अब मुझे यहाँ थोड़ी देर सोने दे। 

अब बिस्तर पर इतनी जगह तो थी की हम दोनों सो जाए इसलिए मैंने उसे कुछ नहीं कहा। 

जब मैं सो गया तो अजय कंबल एक अंदर मेरे पजामे के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगा। 

कुछ ही देर मैं मेरा लंड टाइट होकर खड़ा हो गया और मैं सोता ही रहा। 

जब मैं नींद में था तो उसने पता नहीं कैसे कैसे मुझे छुआ और अपनी अन्तर्वासना को शांत करने के लिए मेरे लिंग के साथ खिलवाड़ की।

अचानक नंद में मुझे गंदे और कामुक चुदाई से भरे सपने आने लग गए। रात के करीब 2 बजे मेरी आँख खुली तो देखा अजय मेरी छाती पर चुम रहा था और मेरे अंडरवारे (कच्छा) में हाथ डाल कर मेरे लंड हो अलग अलग तरह से हिला रहा था। 

जब मेरी आँख खुली तो मैं इतना कामुक और चरम सुख के करीब था की मैं अजय को रोक नहीं पाया। मैंने अजय का हाथ अपने लंड से हटाया और अपना पजामा कंबल के अंदर से ही उतार कर उसे अपना खड़ा लंड वापस पकड़ा दिया। 

मेरी ये प्रतिक्रिया देख अजय कुश हो गया और उसे लगा की मैं भी उसी की तरह गे हूँ। वो मेरा लंड जोर जोर से हस्तमैथुन की आवाज करते हुए हिलाने लगा और मैं यौन सुख के सागर ने तैरने का आनंद लेता रहा। 

मेरा लंड हिलाते हुए उसने धीरे धीरे आवाज न करते हुआ अपना लंड भी पजामे से निकाला और मेरी जांघों के बगल में रगड़ने। 

वो धीरे धीरे अपनी कमरे हिला हिला कर मेरी जांघ की खाल पर अपने गर्म लंड को रगड़ रहा था और मैं उसके हाथ से मुठ का मजा ले रहा था। 

मैं इतना मजे में था की मुझे पता ही नहीं लगा की वो अपना लंड मेरे शरीर पर रगड़ रहा है। ये बात तो मुझे तब पता लगी जब उसने अपनी कमर तेज हिलानी शुरू कर दी तो साथ मेर मेरी भी जोर जोर से मुठ मारने लगा। 

ऊपर से वो मेरी गर्दन पर गर्म गहरी सासे भी छोड़ रहा था। मुझे जैसे ही पता लगा मैंने झट से उसका हाथ अपने लिंग से हटा दिया और उसे गुस्से से देखने लगा। 

अगर मैं उस वक्त उसपर चिलता तो मेरे साथ रहने वाले लड़को को सब पता लग जाता और ये बात पुरे हॉस्टल में फेल जाती इसलिए मैं धीरे से कहा ” भोसड़ी के मीठे चला जा यहाँ से वरना अच्छा नहीं होगा !! “

पर उस वक्त अजय पूरा कामुक था उसे तो मेरे मुँह से गालिया भी सेक्सी लग रही थी वो धीरे से बोला ” ऐसा मत कर तुझे हर दिन रात मजे दुगा !! “

उसकी ये बात सुनकर मैं रुक गया और मेरे दिमाग में ये ख्याल आया की अगर मैं उसे हाँ करदूंगा तो मैं रोज सेक्स का आनंद भी लेपाउगा और ये बात भी किसी को पता नहीं चलगे और ऊपर से मैं अभी पूरा उत्तेजित भी हूँ तो अपने लंड से अभी के लिए पानी निकालना तो बनता है। 

मैं रुका और वापस उसके साथ चुपचाप लेता रहा। वो मेरी हाँ समझा तो मेरा लंड वापस हिलाने लगा और साथ में उसने मुझे अपना लंड भी पकड़ा दिया। 

मैं पहली बार गे सेक्स का आनंद ले रहा था मुझे नहीं पता था की इसके बाद मैं अपने आप से कैसे आँखे मिलाऊंगा। 

हम दोनों कंबल में खड़े लंड के साथ इतने गर्म हो गए की हम बस बिना सोचे समझे एक दूसरे को चूमने लगा। 

हम एक दूसरे की तरफ मुँह कर के लेटे और अपने हाथ एक दूसरे के साथ लगा कर एक दूसरे का लंड हिलाते रहे। 

अजय शरीर से काफी पता और मजोर सा था जिसकी वजह मुझे उस रात पता लगी थी। 

अजय साथ ही साथ चिकना भी था उसके चेहरे पर एक भी बाल नहीं था और उसके होठ भी लड़कियों की तरह लाल और कोमल लगते थे।

यहाँ तक की न तो उसकी छाती पर बल थे और न ही उसके लिंग पर। जिस से मुझे ये पता लग रहा था की वो ये सब करने के लिए काफी पहले से सोच कर बैठा था। 

एक दूसरे के साथ चुदाई करते करते हमरे 2 घंटे हो गए और अब सुबह के 4 बज रहे थे। 

कंबल में हाथ हिलने की जगह कम थी और ऊपर से उस कमरे में 3 लड़के और सो रहे थे इसलिए हमने सब कुछ आराम से और धीरे धीरे किया।  

अंत में जब मेरे लिंग में दर्द होने लगा और मैं चरम सुख के लिए तड़पने लगा तो मैंने अजय का लिंग जोर से दबा और हिलना शुरू कर दिया और उसके कान में कहा ” अब और नहीं रुका जा रहा तू भी कर जो होगा देखा जायेगा !! “

ये सुनकर अजय ने अपने हाथ नहीं रोके और वो भी मेरा लंड जोर जोर से हिलने लगा और मुझे गर्दन और चूमने लगा। अगर इस वक्त हमें एक कहली बंद कमरा और चाटी भी मिलजाती तो हम दोनों एक दूसरे की गांड मार ही देते। 

खेर हमारे तेज मुट्ठी मरने की वजह से पूरा बेड हिलने लगा और चोई चोई की आवाज करने लगा। 

किसी को पता न लगे इसलिए हम जल्दी से जल्दी ये सब खत्म करना चाहते थे इसलिए हम और तेज हाथ चलाने लग गए। 

और अंत में अजय का शरीर कपङे लगा और उसके लंड से सफ़ेद चिपचिपा पानी निकलने लगा और सीधा मेरे लंड पर जाकर गिर गया। 

उसके निकले मॉल की वजह से मेरा लंड और चिकना हो गया और अजय उसे जोर जोर से आवाज करते हुए हिलाने लगा। 

वो पल इतना सेक्सी था की मैं भी खुदको रोक नहीं पाया और मैंने भी अपने लंड से अपनी निकाल दिया और उसके लटके गीले लंड पर गिरा दिया। 

कंबल के अंदर का मामला काफी गर्म हो गया था। हम अंदर से गर्म गीले और लसलसे हो चुके थे। 

मैंने कंबल से मुँह निकला तो सारे तब भी गहरी नंद में सो रहे थे। 

तो दोस्तों ये थी मेरी XXX कहानी “पुराने दोस्त के साथ एक रात”। उसके बाद मैं भी अजय की तरह गे बन गया और उसके साथ कभी अपने बिस्तर में तो कभी बाथरूम में सेक्स करने लगा। 

मेरी कहानी अच्छी लगी तो मुझे यहाँ मेल करके जरूर बताना।  

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