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रंडी को चोद कर उसका घमंड तोडा !! भाग-1

 मैं जबरदस्त तरीके से रंडी की गांड पर चाटे लगाता हुआ उसे चोदने लगा। मैं पटना का अभिनव आप सभी को अपनी जबरदस्त चुदाई की वीर गाथा सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों इस कहानी में मैंने एक रंडी को चोद कर उसका घमंड तोडा क्यों की उसे अपनी खूबसूरती पर काफी गर्व था। 

मैं एक मामूली कार मैकेनिक हूँ जो 23 साल का है। अपनी इस antarvasnakahani के जरिए मैं आप सभी को चरम सीमा तक पहुंचना चाहता हूँ। 

जहां मैं काम करता था वहां एक हॉट लड़की रहा करती थी जिसका नाम मीनाक्षी था। वो उस जगह की सबसे ज्यादा सेक्सी लड़की थी। उसके पीछे हर दिन लड़को की लड़ाई होती। वहा काम करते करते वही के कुछ लड़को से मेरी दोस्ती हो गई। उन लड़को ने मुझे बताया की ये साली न तो किसी से प्यार करती है और न ही सेटिंग। इसके पीछे काफी लड़को की लड़ाई होती रहती है। ये हर 2 महीने बाद अपना बॉयफ्रेंड बदल लेती है। 

अब ये सुनकर मैंने  उसके कहा की भाई मुझे भी उस लड़की को देखना है। उन लड़को ने मुझे उस लड़की को दिखाया और मैं भी उसका दीवाना हो गया। गोरा चेहरा, लाल होठ, भरी फूली छाती और मोटी गोल जांघ। वो लड़की काफी सेक्सी थी और उसके चलने और बात करने के ढंग से वो रंडी लग रही थी। 

कुछ दिन तो मैं रोज अपने मालिक को टेस्ट ड्राइविंग का बहाना देकर एक गाड़ी दुकान से निकाल लाता और मीनाक्षी के घर के सामने हर दिन गाड़ी लेकर गुजरता। 

उसने कई बार मुझे देखा। अरे भाई देखे गई क्यों नहीं मैं इतनी बड़ी लाल गाड़ी जो लेकर जा रहा था। वो मुझे देखती और मैं भी उसे देखता। धीरे धीरे उसे लगा की मैं कोई पैसे वाला लड़का हूँ जो उसके प्यार में फस चूका हूँ। इसी वजह से वो भी मुझे हस हस कर देखने लगी।

अमीरी दिखा कर रंडी को पटा लिया

एक दिन वो मुझे अपने घर की गली के बाहर ही कड़ी दिख गई। उसने मुझे रोका और मेरे पास आकर बोली “क्यों जनाब यहाँ से क्यों गुजरते हो मुझे देख कर ?” 

मैं बोला – ताकि तुम्हे मिलने का मौका मील सके !!

मीनाक्षी – क्यों भी मुझे क्यों मिलना है ?

मैं बोला – आप पहले अंदर तो आ जाओ फिर बताता हूँ मीनाक्षी जी !!

मीनाक्षी – अच्छा जी आपको मेरा नाम भी पता है। 

मीनाक्षी मेरी गाड़ी में बैठी और मैं उसे किसी सुनसान जगह ले गया। वहा लेजाकर मैंने उसे अपने दिल की बात बोली और उसने मुझे आमिर समझ कर हाँ बोल दिया। 

उसके बाद मैंने उसे कई जगह घुमाया और उसे घर छोड़ दिया। 

ऐसे ही कुछ दिन चला और मैंने उसके साथ चूमा चाटी और चोदा चोदी करने की कोशिश की। 

गाड़ी में बैठे बैठे मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने करीब खींच कर उसके होठो को चूमने की कोशिश की पर उसने मुझे रोक दिया।  

मीनाक्षी – नहीं अभी नहीं ये कुछ जल्दी नहीं है !!

रंडी को अपनी गोद में बैठा कर उसके खूब चूसे !!

उस वक्त मैंने उसका कोई जवाब नहीं दिया और सीधा उसे उसके घर छोड आया। उसके बाद मैं कुछ दिन तक उसे से मिला नहीं। मीनाक्षी रंडी को लगा की मैं उस बात से नाराज हूँ इसलिए मैं न तो उस से मिलने आ रहा हूँ और न ही फ़ोन बात कर रहा हूँ। उसे लगा की कई पैसे वाला लड़का हाथ से न निकल जाए इसलिए उसने मुझे फ़ोन पर सॉरी कहा और साफ साफ शब्दों में कहा “अच्छा बाबा सॉरी अब नहीं रोकूंगी अब जो मन है कर लेना !!”  

अब अगले दिन मैं फिरसे गाड़ी लेकर उसके घर के पास आ गया। पर इस बार मेरे पास दूसरी गाड़ी थी और थोड़ी खटारा थी। पर मीनाक्षी ने उसके बारे में कुछ नहीं पूछा। वो गाड़ी में बैठी और मैं उसके किसी खली सड़क पर ले गया। वहा लेजाकर मैंने उसी गर्दन पर हाथ रखा और उसका चेहरा पास खींच कर उनके सेक्सी होठो को चूमने लगा। 

मीनाक्षी भी उसी वक्त अपना शरीर ढीला छोड़ कर मेरी अश्लील हरकतों का आनंद लेने लगी। हम दोनों गाड़ी के आगे वाली सेट पर बैठ कर चूमा चाटी करते रहे। 

उसके बाद मैंने उसे अपनी गोद में बैठने को कहा। वो अपनी सेक्सी अदाए दिखा कर मेरी जांघो पर अपनी भारी गांड रख कर बैठी और मैं उसे फिरसे चूमने लगा। 

मैं एक हाथ से उसकी नरम छाती दबाने लगा और दूसरे से उसकी कमर को सहलाने लगा। मीनाक्षी काफी ज्यादा सेक्सी और रंडी दिमाग की थी। वो पैसे के लिए मेरे साथ चूमा चाटी कर रही थी। मुझे बड़ा बजा आ रहा था। 

उस दिन उसने सलवार सूट पहन रखा था उसमे वो पंजाबन लग रही थी। उसे चूमते हुए मैंने उसकी सलवार का नाडा खोला और उसकी कच्छी में हाथ डाल दिया।    

उसने मेरा हाथ वही रोक दिया और कहा नहीं मैं सेक्स नहीं करना चाहती !!

पर मैं रुकने वाला कहा था मैंने जल्दी से उसकी चुत को ऊपर से रगड़ना शुरू कर डाला और उसे गीला कर दिया। 

उसके बाद उसका मुँह मंद हो गया। मैंने उसे उसके स्तन बाहर निकालने को कहा तो उसने मना कर दिया बोली की यहाँ नहीं कोई देख लेगा। 

पर मैं भी पूरी चुदाई के मूड में था। मैंने कच्छी से हाथ निकाला और मीनाक्षी के मोटे स्तनों को उसकी कुर्ती के ऊपर से खींच कर बाहर निकाल दिया। 

दोनों स्तन निकालने के बाद मैं उसकी चुत रगड़ते हुए दोनों स्तनों को चूसता रहा। मैं अपने काले होठो से उसके गोर स्तनों को चूसने लगा और मीनाक्षी को मेरी हवस भरी हरकतों से डर लगने लगा। 

उस दौरान उसने मेरे काले हाथो पर ध्यान दिया। क्यों की उस दिन मुझे काफी काम था मेरे हाथो पर काफी कालक लगी थी। 

उसने मुझ से पूछा की तुम्हारे हाथ इतने गंदे कैसे है। तो मैंने उसे कहा की रस्ते में गाड़ी खराब हो गई थी तो थोड़ा खुद ही मुझे ठीक करना पड़ा। 

उसके बाद उसने पूछा की ये पुराणी सी किसी गाड़ी है और आज तुम बड़ी वाली लाल गाड़ी क्यों नहीं लाए। 

उसके इस सवाल का मैंने कोई जवाब नहीं दिया और बस उसके स्तनों को चूस कर उसके होठो को चूमने लगा। 

चूमते हुए मैंने उसकी चुत और ऊपर से रगड़ना बंद किया और ऊके अंदर अपने ऊँगली डालने लगा। मीनाक्षी की सासे तेज हो गई और उसे मजा आने लगा। 

मैं अपनी समझदारी के कारण आज अपनी गोद में दूध जैसी गोरी और सेक्सी लड़की चूस रहा हूँ।   

दोस्तों ये थी मेरी कहानी का पहला पहला भाग दूसरा यहाँ क्लिक करके पढ़े (रंडी को चोद कर उसका घमंड तोडा !! भाग 2)

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