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देहाती चुदाई

गाँव के झोपड़े में होती चुदाई देख मेरी चुत पानी छोड़ने लगी। मेरा नाम ख़ुशी गुप्ता है और आज मैं आपको देसी देहाती चुदाई कहानी सुनाने जा रही हूँ। ये कहानी लॉकडाउन की है जब मैं अपने गाँव गई हुई थी। लॉकडाउन की वजह से मैं अपने पापा के साथ फेस गई। 

और कुछ महीने मुझे वही रहना पड़ा। गांव में कई सारे लोग रहते थे ज्यादातर लोग गरीब थे जो अपनी 2 वक्त की रोटी भी नहीं जुटा पाते थे। मैं आप लोगो को सिर्फ अपना असली नाम बता रही हूँ उसके अलावा मैं आपको अपना गांव, मैं कहा की हूँ ये सब नहीं बता सकती इसलिए बस अनतर्वासना सेक्स कहानी का मजा ले।

हम गाँव के उन कुछ लोगो में से थे जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी थी। हमारे घर के कुछ दूर कुछ लोग झोपडी में रहा करते थे उनमे से एक औरत हमारे घर काम मांगे के लिए आई। 

मेरे दादा ने उन्हें कुछ दिन के लिए घर पर बर्तन धोने का काम दे दिया। वो औरत करीब एक महीने तक घर बर्तन धोने के लिए आती रही। 

उसके कुछ दिन बाद उसने मेरे दादा के कुछ पैसे चुरा लिए और ये बात मेरे दादा को पता लग गई। मेरे दादा ने उसे खूब डाटा और उसे काम से भी निकल दिया। 

वो औरत खूब रोइ और मेरे दादा से माफ़ी मांगती रही और बोली ” मेरे दो बच्चे है मुझे उनका पेट भरना है साब !! लॉकडाउन में मैं कहा जाऊगी मुझे कोई काम नहीं देगा !! मेरा मर्द भी नहीं है मैं क्या करुँगी !! “

उसके बार बार माफ़ी मांगने से भी दादा नही माने और उन्होंने उसे काम से निकाल दिया और ऊपर से पिछले महीने के पैसे भी नहीं दिए। 

मेरे पापा और मुझे उस पर काफी दया आई पर दादा जी ने उसे खूब गालिया दी और उसे भगा दिया। 

अगले दिन मेरे पापा ने मुझे कुछ पैसे दिए और कहा ” ख़ुशी बेटा एक काम कर जा काम वाली को उसके पिछले महीने के पैसे देदे और अपने दादा को पता मत लगने दियो !! “

पापा ने मुझे पैसे शाम को दिए थे और मैं वो पैसे लेकर उस औरत के झोपड़े की तरफ जाने लगी। 

उसका झोपड़ा दूसरे गरीब लोगो से कुछ अलग थलक था। आगे बढ़कर गई और झोपड़े में एक नजर झुक कर मारी तो मैं शर्म से लाल हो गई। 

वो औरत किसी मर्द से अपनी चुत उस झोपड़े में चुदवा वही थी। 

बर्तन वाली अपनी टांगे खोल कर नंगी जमीं पर लेटी थी और वो आदमीं उसकी जांघो पर अपने हाथो से वजन डाल कर उसकी चुत चोद रहा था। इतनी Dehati Chudai देख मैं डर गई। 

आंटी की काली चुत गीली थी और वो उसमे अपना काला लंड घुसा रहा था। 

काली चुत और उस आदमी की उछली काली गांड देख मेरा शर्म से मुँह लाल हो गया और मैं पीछे हो गई। 

उसी वक्त झोपड़े से हल्की हल्की चुदाई की आवाज भी आने लगी। मुझे लगा वो औरत काफी मुश्किल में होगी पर वो तो मजे से चुदाई कर रही थी।  

पर दो पल की चुदाई देख मेरी चुत में हल्की की खुजली हुई और मेरा अंदर दोबारा देखने का दिल करने लगा। देखते ही देखते शाम से रात हो गई और लाइट नो होने वजह से सभी को दिखना कम हो गया। 

मैं आगे बढ़ी और अंदर देखने लगी। अंधेरे में मुझे उस आदमी की चुसाई की सेक्सी आवाज आने लगी। वो चोदते हुए उस औरत के स्तनों को चूसने लगा। उसने एक हाथ पीछे किया और अपने फ़ोन की टोर्च जला कर फ़ोन को उल्टा रख दिया। 

झोपड़े के बाहर अँधेरा ही अँधेरा था और अंदर की रौशनी से मुझे दोनों की गांड साफ दिकने लगी। वो आदमी चूस चूस कर पहले तो स्तन की चुसनी को अपने मुँह में भरता फिर उसे ऊपर की तरफ खींच कर झटके से छोड़ देता। 

उसके होठो की सेक्सी चुदाई से मेरे निप्पल्स खड़े हो गए। और मैं अपनी टीशर्ट में हाथ डाल कर उनके दबाने खींचने लगी। 

वो आदमी उछल उछल कर अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था और उस भिखारिन के भोसड़े का भरता बना रहा था।  

मैंने कई बार अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स किया है पर आज तो मैंने लॉकडाउन में चुदाई देखी उस से मुझे पता लगा की जितना मर्द गन्दा और बेशर्मी से गन्दी हरकते करेगा वो उतना ही कामुक होगा। मेरी मस्तराम कहानी यही खत्म नहीं होती मेरे दोस्तों मैं वही कड़ी होकर उनकी देसी चुदाई देखने लगी। 

आदमी (गहरी सासे लेते हुए) – अहह अहह उउउउ !! अहह अहह साली !!! रंडी !!

औरत (तेज सासे लेते हुए) – अहह अहह और मत चोद साले रांड की औलाद !!

(दोस्तों गाली के लिए माफ़ करने पर जो उन्होंने कहा मैं वही यहाँ लिख रही हूँ !)

थोड़ी देर बाद वो आदमी उसकी जांघो पर से हटा और घुटनो के बल खड़ा हो कर अपनी कमर हिला कर उसकी चुत को छोड़ने लगा। 

इतने में मेरे पापा का फ़ोन आया और मैंने फ़ोन काट कर उन्हें मैसेज कर दिया की ” हाँ हाँ आ रही हूँ “

फ़ोन पकड़ने से मुझे याद आया की इतनी सेक्सी चुदाई मैं फ़ोन में रिकॉर्ड कर लेती हूँ। मैंने फ़ोन में चुदाई रिकॉर्ड करनी शुरू कर दी। 

वो आदमी अपनी काली गांड हिला हिला कर उस औरत की चुत मारता रहा और अपने बड़े बड़े काले गोटो से उसकी चुत लगाता रहा।  

मैं चुपके से वीडियो बनाती हुई झोपड़े के बाहर देखी तो पता लगा सब लगो अपने अपने झोपड़े में चले गए। 

तो मैंने अपनी जीन्स का बटन खोला और अपनी कच्छी में हाथ डाल कर अपनी रस छोड़ती चुत को सहलाने लगी। 

सेक्सी देहाती चुदाई देख मेरा भी दिल उस आदमी से चुदने का करने लगा। अब चुदाई करते हुए ७ बज गए और उसी वक्त काफी सरे मछर आ गए। 

मछरो का झुण्ड झोपड़े में घुसा और दोनों को काटने लगा। 

पर उस आदमी को कोई फर्क ही नहीं पड़ा उसके नंगे बदन पर बछर ही बछर बीन बिनाने  पर वो चोदता ही रहा और सेक्सी सेक्सी मर्दाना आवाजे करता रहा। 

उसके बाद वो आदमी आगे बड़ा और उस औरत के मुँह को अपने हाथ से दबोच कर बंद कर दिया। 

उस औरत का मुँह बंद कर के जोर से उसकी गांड पर धके लगाने लगा। तभी औरत की नजर मुझ पर पड़ गई और उसे पता लग गया की मैं उसकी वीडियो उतार रही हूँ। 

वो अचानक से छटपटाने लगी और चिलाने की कोशिश करने लगी। 

उसका छटपटाना उस आदमी को काफी सेक्सी लगा और उसे ये गलतफ़हमी हो गई की वो औरत दर्द और कामुकता के आनंद से छटपटा रही है।

 इसलिए वो और कस कर उस औरत का मुँह दबोचा और उसकी आवाज दबा कर रखा साथ ही उसे अपने धको की रफ्तार तेज कर दी और उसके स्तनों को अपने एक हाथ से नोचता रहा तो दूसरे को चूसता। 

औरत – अहह मुहहह  मुहहह !!!

आदमी – अहह अहह अब अब आरा है मजा साली !! ले और ले मेरे खड़े लंड का मजा !!!

उसके बाद वो आदमी लगातार चोदता रहा और वह खड़े खड़े मैंने अपनी चुत उंगलिया डालना शुरू कर दिया। 

और अचानक मेरी चुत से पानी झड़ गया। अपनी झड़ने से मेरी पूरी कच्छी और जीन्स गीली हो गई पर आंटी की चुत से भी अपनी की तेज धार निकलने लगी जिसने उस आदमी की गांड, लिंग और दोनों पैर गीले कर दिए। 

उसके बाद वो आदमी अंत में 4 से 6 जोर दार और गहरे झटके दिया और अपना सफ़ेद गंदा माल उस औरत की काली चुत में छोड़ दिया। 

चुदाई के पुरे वक्त उनके ऊपर बछर बिंबिनाते रहे और वो बिना रुके सेक्स का आनंद लेते रहे। 

जैसे ही उस आदमी ने उसके मुँह से हाथ हटाया मैं वहा से भाग गई। अच्छी बात ये थी की अंदर होने की वजह से वो मुझे पहचान नहीं पाई। तो ये थी मेरी देहाती चुदाई कहानी। अगर ऐसी नीच और गन्दी सेक्स कहानियाँ पसंद है तो इस वेबसाइट पर दोबारा आना क्यों की मैं अपनी सारी कहानियाँ रही लेकर आती रहूगी।

उनकी बनाई हुई वीडियो देख मैं आज भी कई बार अपनी चुत रगड़ती हूँ।

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