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अनजान आदमी ने खुले पार्क में चोद डाला Part – 1🥺🍌

वैशाली दिल्ली की रहने वाली 21 साल की जवान, रसीली लड़की है। उसने आज तक कभी किसी लंड का स्वाद नहीं चखा था, लेकिन जब एक अनजान गंदा आदमी ने खुले पार्क में उसे दबोचकर उसकी टाइट चूत में अपना मोटा लंड पेल दिया, तो डर के मारे वैशाली की चूत से रस की बौछार छूट गई। उसे लंड का असली मजा पहली बार पता चला और उसके बाद उसे लंड की ऐसी लत लग गई कि वो हर रात चूत मसलकर सोने लगी। अब वैशाली ने किसी अनजान से चुदाई क्यों करवाई, ये तो आपको उसकी रंडीपन भरी चुदाई कहानी पढ़कर ही पता चलेगा।

मेरा नाम वैशाली है और मैं दिल्ली की रहने वाली 21 साल की हॉट लड़की हूँ। मेरा वजन थोड़ा ज्यादा है, लेकिन मैं देखने में इतनी सेक्सी हूँ कि हर लंड वाला मेरी तरफ घूरता है। खासकर मेरी मोटी-मोटी जांघें और भरी-भरी चूचियां हर लड़के को अपनी तरफ खींचती हैं, जैसे चुंबक। मेरी अंतरवासना हिंदी सेक्स कहानी का नाम “अनजान आदमी ने खुले पार्क में चोद डाला” पढ़कर आप लोग समझ ही गए होंगे कि इस कहानी में क्या-क्या गंदा होने वाला है—चूत फटने, लंड चूसने और रस छोड़ने का पूरा मज़ा!

(शाम 4 बजे मैं पार्क में बैठी अपने फोन में गाने सुन रही थी, उसी दौरान एक गंदा सा आदमी दूर से मुझे घूरने लगा।)

उस दिन मैं ट्यूशन नहीं जाना चाहती थी क्योंकि रोज-रोज एक जगह जाकर मैं परेशान हो गई थी। घर वाले बस पढ़ाई के लिए जोर देते थे और उसके अलावा मुझे कुछ नहीं करने देते थे।

मैं करीब 4 बजे अपने घर के करीबी पार्क में जाकर लेट गई और फोन पर गाने सुनने लगी। धीरे-धीरे धूप तेज होने लगी तो मेरी नजर एक आदमी पर पड़ी जो मुझे काफी समय से घूरे जा रहा था।

वो आदमी करीब 30 साल का लग रहा था और उसकी सफेद दाढ़ी थी। साथ ही साथ वो थोड़ा लंगड़ाकर चल रहा था और उसे काफी गंदे कपड़े पहने थे। वो दूर खड़ा मुझे अपनी गंदी, कामुक आँखों से घूर रहा था और मुझे डर लगने लगा।

मैं धीरे-धीरे डरने लगी क्योंकि 4 बजे के वक्त पार्क में कोई नहीं होता और उस दिन भी नहीं था। लेकिन मैंने सोचा कि आखिर ये मेरा कर ही क्या लेगा—न तो मेरे पास पैसे हैं और न ही महंगा फोन।

मैं उसे नजरअंदाज करके वापस अपने फोन में गाने सुनने लगी। कुछ देर बाद देखा तो वो आदमी ठीक मेरे पीछे बैठा अपनी पैंट में हाथ डालकर मुझे घूर रहा था। मैं अचानक उसे देखकर डर गई। वो पीछे बैठा मेरी चूचियों की गहरी दरार को निहारते हुए अपने लंड को सहला रहा था, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चाट रहा हो।

(मैंने हिम्मत करके उसे बात की और कहा।)

वैशाली – कौन हो और यहाँ आकर क्यों बैठे हो? 😠😠

(उस आदमी ने कुछ नहीं कहा और गंदी साँसें लेता हुआ अपने लंड को सहलाता रहा।)

वैशाली (चिल्लाते हुए) – देखो तुम यहाँ से चले जाओ वरना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा!! 😡😡🤬

अनजान आदमी (अपना लंड हिलाते हुए पैंट से बाहर निकालकर) – कितने लोगी, रंडी? 💵

वैशाली – मुझे रंडी समझा है क्या तुमने!!

(उस आदमी ने बिना कुछ बोले वैशाली की आँखों में देखा और अपनी पैंट खोलकर अपना लंड बाहर निकाल दिया।)

उसका लंबा, मोटा लंड और लटकती भारी गोटियां देख मैं डर गई और मेरा दिमाग काम करना बंद हो गया। मैंने अपने निचले होंठ को दाँतों के बीच दबाया और आँखें वहाँ टिका लीं। मैंने असल में लंड पहली बार देखा था—इससे पहले मैंने बस गंदी पोर्न में देखा था। उस आदमी का लंड काफी भरा हुआ था और उसके ऊपरी लाल सुपारे से चिपचिपी बूँदें टपक रही थीं, जैसे रसदार आम से汁 बह रहा हो।

नीचे देखा तो उसकी भारी लटकती गोटियां धीरे-धीरे ऊपर-नीचे हिल रही थीं। ये सब अपनी आँखों के सामने देख मुझे समझ नहीं आया कि क्या करूँ।

(पहली बार इतना बड़ा लंड देख वैशाली की धड़कनें तेज हो गईं और उसके हाथों में पसीना आने लगा। लंड देख उसका शरीर मानो वहीं जम गया और उसकी आँखें उस लंड पर ही अटक गईं। देखते ही देखते वैशाली की चूचियों पर हल्की सी खुजली होने लगी और चूत भी हल्की सी फूलकर गीली हो गई, रस टपकने लगा।)

अपनी आँखों के सामने ऐसा जानवर सा लंड देख मुझे अलग ही एहसास होने लगा। एक तरफ मेरा मन इसे चूसने-चाटने को बेकरार हो रहा था, जीभ पर पानी आ रहा था, तो दूसरी तरफ उसका भयानक लंड देख डर लग रहा था। मैंने मुँह में आता पानी और थूक गटका और उस आदमी से हिम्मत करके बात की।

वैशाली – ये क्या गंदी हरकत है? अपने कपड़े पहनो और यहाँ से चले जाओ नहीं तो पुलिस को बुला लूँगी मैं!

अनजान आदमी (वैशाली के करीब आते हुए) – अच्छा!

वैशाली (काँपती आवाज में) – देखो तुम और करीब आए तो मैं चीख-चीखकर शोर मचा दूँगी!!

(उस आदमी ने अपना लंड हाथ में लिया और ऊपरी हिस्से पर थूककर अपने एक हाथ से हिलाने लगा।)

वो मेरी आँखों में बिना किसी डर के देख अपने लंड को हिला रहा था और उसकी लटकती गोटियां नाचने लगीं। मैं उस वक्त काफी डरी हुई थी लेकिन पता नहीं क्यों मेरी कामवासना बढ़ने लगी और मेरी चूत अंदर ही अंदर से रस छोड़ने लगी, पैंटी गीली हो गई।

वो आदमी आगे बढ़ा और अपने एक हाथ को मेरी कमर पर रख मुझे अपने करीब खींच लिया और मुझे चुदाई की भूखी नजर से देखने लगा। मैं डर के मारे काँपने लगी और उसने मेरी गर्दन पर चुंबन शुरू कर दिए, जीभ से चाटने लगा। धीरे-धीरे मेरा भी मन चुदाई करने को तरसने लगा तो मैंने उसे कुछ नहीं कहा।

(अचानक अनजान आदमी ने वैशाली को चूमते हुए उसका सीधा हाथ पकड़ा और उसे अपने लंड पर रख दिया।)

मेरा हाथ जैसे ही उस गर्म, लूले लंड पर पड़ा, मेरा हाथ अपने आप काँपने लगा। उसका गर्म लंड काफी भरा हुआ था और मैं अपने आप ही उसे धीरे-धीरे हिलाने लगी। उसका लटकता लंड जैसे-जैसे मैं हिला रही थी, वैसे-वैसे वो और ज्यादा सख्त, लोहे जैसा होने लगा। ये महसूस कर मेरे अंदर चुदाई की आग जागने लगी, बस डर ये था कि हम खुले पार्क में ये सब कर रहे थे—कोई देख लेगा तो?

धीरे-धीरे वो आदमी और ज्यादा गंदी हरकतें करने लगा। उसने मेरा दूसरा हाथ पकड़ा और उसमें अपनी गोटियां ठूँस दीं और गंदी आवाज में कहा, “इन्हें कसकर पकड़ और नीचे खींच, रंडी!!”

उसने जो कहा मैंने किया। उसकी काली गंदी गोटियां नीचे खींचकर मैं उसका लंड हिलाने लगी और वो मेरी गर्दन से बढ़कर मेरे होठों को चूमने लगा। उसके मुँह से गंदी बदबू आ रही थी लेकिन फिर भी वो पल मुझे इतना आनंद दे रहा था कि मेरी चूत फड़फड़ा उठी।

उसका गर्म सख्त लंड मैं सीधे हाथ से हिला रही थी तो बड़ी ढीली और नरम गोटियां मैं बेरहमी से नीचे की ओर खींच रही थी। वो आदमी दर्द और लंड के आनंद का पूरा मजा ले रहा था, कराह रहा था जैसे कोई जानवर।

देखते ही देखते उसने मेरी कमर से हाथ हटाया और एक हाथ मेरी टाइट जींस में डाला तो दूसरा मेरी कमीज में।

वो कच्छी में हाथ डालकर मेरी गांड में हल्की-हल्की उँगली घुसाने लगा और मेरी छाती को धीरे-धीरे दबाकर मेरी चूचियां टाइट करने लगा, निप्पल्स को मसलने लगा। इस तरह मेरी रंडीपने वाली चुदाई कहानी की शुरुआत हुई जहाँ मैं एक अनजान से चुदने को पूरी तरह तैयार हो गई, चूत रस से लबालब।

(वो आदमी आसपास देखा और वैशाली का हाथ पकड़कर मुझे पास की झाड़ियों में ले गया जहाँ से उन्हें चुदाई करता देखना मुश्किल था।)

वो जैसे ही मुझे झाड़ियों में ले गया, मैं समझ गई कि ये मुझे जोरदार चोदना चाहता है। मैंने एक पल तो उसका विरोध किया लेकिन उसका भरा लंड देख मेरी चूत तड़पने लगी, रस बहने लगा।

वैशाली – तुम मुझे वहाँ क्यों ले जा रहे हो!!

आदमी – मेरे लंड से पानी निकल रहा है, तेरी चूत अभी भी सूखी है क्या, साली?

उसके इस सवाल का जवाब था हाँ। और बस मैं उसके साथ झाड़ियों में चली गई। मेरी चूत के पानी से कच्छी भी गीली हो गई थी। और दोनों चूचियां इस कदर टाइट हो गईं कि बाहर से उभरकर दिखने लगीं। वो आदमी भी समझ गया कि मैं उसके लंड को देख कामुकता से भर गई हूँ, रंडी बनने को तैयार।


दोस्तों, मेरी पहली चुदाई की कहानी के पहले भाग का अंत मैं यहीं करती हूँ क्योंकि ज्यादा बड़ी पोर्न स्टोरी लोग पढ़ना पसंद नहीं करते। कहानी का दूसरा भाग पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करो।

अनजान आदमी ने खुले पार्क में चोद डाला Part – 2

उम्मीद है मेरी कहानी से अपना भी पानी निकला होगा, लंड से वीर्य छूटा होगा। अगर निकला है तो नीचे कमेंट में बताओ और अगर नहीं निकला तो कहानी का दूसरा भाग पढ़ो, वहाँ और गंदी चुदाई का मजा है! 😈💦

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19 Comments

  1. ये कहानी तो काफी गंदा था। किसी अनजान के साथ सेक्स करने की कल्पना अच्छी लगती है पर असल में हमे डर लगता है।

    1. आपने असल में किसके साथ सेक्स किया😉🤔🤭 ? जो डरने लगे गयी।

  2. Chii kya kahani hai. jo bhi ye likha hai jarur gila hoga. mera toh mn hee khrab ho ra hai ki koi yesa sex bhi kr skta hai. Kuch saal phle meri chati bhi koi ladka chuu kr bhag raha tha mene toh kss kr chata lga diya tha upr se logo ne mara wo alag.

  3. I am young 21 year boy from allahabad. Agar kisi ladki ko sex ta jo bhi dil. Ho. To jarrur mesg kro. Mjhe fare face thoda smart hu aur Mujhe Romantic pasand hai so if you want some fun and many more try to me give one Chance 😉.. My email. Is…. [email protected]

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