पड़ोस की देसी रंडी रजनी ❤️
राहुल, 24 साल का गाँव का जवान, पड़ोस की चबी रजनी पर फिदा था। रजनी, 40D चूचों और मांसल गांड वाली सेक्सी रंडी, अपनी नीली साड़ी में राहुल को ललचाती थी। एक रात, आंगन में मुलाकात हुई, और रजनी ने राहुल को अपने कमरे में खींच लिया। रजनी ने राहुल का लंड चूसा, चूचों से मसाज दिया, और फिर राहुल ने उसके चूचे चाटे, चूत और गांड में धक्के मारे। डेढ़ घंटे की चुदाई के बाद राहुल ने रजनी की जांघों पर माल उड़ेला। रजनी ने तारीफ की, और दोनों अगली रात फिर मिलने का वादा कर हंसे। ये ठरकी देसी कहानी है कामुकता और जोश से भरी।
राहुल, 24 साल का देसी मर्द, अपने गाँव के छोटे से मोहल्ले में रहता था। दिन में खेतों में पसीना बहाता, और रात में अपने ठरकी सपनों में खो जाता। उसकी नजरें हमेशा पड़ोस वाली रजनी पर अटकती थीं। रजनी, साला, क्या गदराया माल थी! उसका बदन चबी, रसभरा, और हर अंग में कामुकता भरी। उसके चूचे, 40D साइज के, इतने भारी और उभरे हुए कि साड़ी में भी मानो बाहर कूद पड़ें। निप्पल्स इतने सख्त कि कुर्ती में साफ दिखते, जैसे कोई रसीला अंगूर। उसकी गांड, भाई, इतनी गोल और मांसल कि हर कदम पर थिरकती, जैसे कोई ज्वालामुखी फटने को तैयार। रजनी की जांघें मोटी, चिकनी, और इतनी सेक्सी कि राहुल का 7.5 इंच का लंड बिना छुए ही सलामी देने लगता। उसका पेट हल्का सा गोल, मुलायम, और इतना कामुक कि देख के राहुल का मन करता उसे चूम ले। रजनी की त्वचा सांवली, चमकदार, और इतनी नरम कि छूने से ही लंड खड़ा हो जाए। मोहल्ले में लोग उसे “रंडी” कहते, क्यूंकि वो रात को कुछ खास मेहमानों का “स्वागत” करती थी। लेकिन राहुल के लिए वो थी उसकी ख्वाबों की रानी, जिसकी एक झलक से उसका दिल धड़कता और लंड थड़कता।
रजनी की हंसी में जादू था। जब वो गली में चाय की थड़ी पर खड़ी होके बातें करती, तो उसके चूचे हल्के-हल्के हिलते, और राहुल का दिमाग बंद हो जाता। उसकी साड़ी हमेशा कमर से नीचे बंधी रहती, और नाभि ऐसी गहरी कि राहुल का मन करता उसे जीभ से तलाश ले। रजनी की आँखें शरारती, भौंहें घनी, और होंठ इतने रसीले कि जब वो चाय की चुस्की लेती, तो राहुल का लंड पजामे में तूफान मचा देता। वो अक्सर शाम को अपने आंगन में झाड़ू लगाती, और झुकने पर उसकी साड़ी का पल्लू सरक जाता, जिससे उसके चूचे आधे नंगे हो जाते। राहुल अपनी खिड़की से ये नजारा देखता, और उसका लंड पानी टपकाने लगता।
एक रात, राहुल अपने आंगन में लेटा हुआ तारे गिन रहा था। गर्मी की रात थी, और हवा में सुकून। तभी रजनी अपने आंगन में पानी डालने आई। नीली साड़ी में उसका बदन चमक रहा था, और साड़ी इतनी टाइट थी कि चूचे और गांड साफ उभर रहे थे। साड़ी का पल्लू हल्का सा सरका हुआ था, और रजनी के चूचे मानो आजाद होने को बेकरार। वो झुकी, और पानी की बाल्टी उठाते वक्त उसके चूचे साड़ी से बाहर झांकने लगे। राहुल का लंड पजामे में खड़ा हो गया। रजनी ने उसे देखा, शरारती मुस्कान दी, और बोली, “क्या राहुल, रात को तारे गिन रहा है या कुछ और?” उसकी आवाज में वो कामुकता थी कि राहुल का लंड पजामे में नाचने लगा। राहुल ने हिम्मत की, बोला, “रजनी, तारे क्या, तू तो चांद से भी हसीन है!” रजनी ने हंसी मारी, अपनी साड़ी का पल्लू और नीचे सरकाया, और बोली, “तो आजा, चांद को करीब से देख ले!” राहुल का दिल जोर-जोर से धड़का, और वो रजनी के आंगन में कूद गया।
रजनी उसे अपने छोटे से कमरे में ले गई, और दरवाजा बंद कर दिया। उसने साड़ी का पल्लू गिराया, और भाई, वो नजारा! रजनी का चबी बदन, 40D के चूचे, इतने भारी और गोल कि मानो दो रसीले खरबूजे। निप्पल्स सांवले, सख्त, और इतने सेक्सी कि राहुल का मुंह पानी से भर गया। उसकी गांड इतनी मांसल और उभरी हुई कि कमरे में जगह कम पड़ जाए। रजनी का पेट गोल, मुलायम, और इतना कामुक कि राहुल का मन किया उन्हें चाट ले। उसकी जांघें मोटी, चिकनी, और इतनी रसीली कि राहुल का लंड पजामे में फटने को तैयार। रजनी ने राहुल को बिस्तर पर धकेला, और उसका पजामा खींच लिया। राहुल का 7.5 इंच का लंड बाहर निकला, टोपा गुलाबी, और पहले से ही पानी टपकाता हुआ। रजनी ने लंड देखा, अपनी आँखें चमकाईं, और बोली, “वाह, राहुल, ये तो साला तोप है!” उसने अपनी नरम उंगलियों से लंड को पकड़ा, हल्का सा दबाया, और फिर अपनी जीभ से टोपा चाट लिया। राहुल की सांस अटक गई, “हाय, रजनी, तू तो मेरी जान ले लेगी!” रजनी ने लंड को अपने रसीले होंठों में लिया, और चूसने लगी जैसे कोई पका आम चूस रही हो। उसकी जीभ टोपे पर नाच रही थी, और राहुल का लंड थरथराने लगा। रजनी ने लंड को अपने चूचों के बीच दबाया, और चूचों से मसाज देने लगी। उसके चूचे इतने मुलायम और भारी थे कि राहुल का लंड उनके बीच दब के और सख्त हो गया। रजनी ने फिर लंड को मुंह में लिया, और इतना जोर से चूसा कि राहुल की आँखें बंद हो गईं। वो सिसकारियां ले रहा था, “रजनी, तू तो साला जादू कर रही है!”
रजनी ने अपनी साड़ी पूरी उतार दी, और उसका नंगा बदन देख के राहुल का दिमाग खराब हो गया। उसके चूचे लटक रहे थे, भारी और रसीले, जैसे कोई कामदेव की मूर्ति। उसने राहुल के ऊपर चढ़ने की कोशिश की, लेकिन राहुल ने उसे पकड़ के बिस्तर पर लिटाया। उसने रजनी के चूचों पर हमला बोला, एक चूचा मुंह में लिया, और निप्पल को जीभ से गोल-गोल चाटा। रजनी की सिसकारी निकली, “आह्ह, राहुल, तू तो मेरे चूचों को पागल कर देगा!” राहुल ने दूसरा चूचा पकड़ा, उसे जोर से दबाया, और निप्पल को चूस-चूस के सांवला कर दिया। उसने रजनी के चूचों के बीच जीभ फेरी, और फिर उसके गोल पेट को चूमने लगा। रजनी का पेट इतना मुलायम था कि राहुल की जीभ उसमें धंस गई। वो रजनी की नाभि में जीभ डाल के चाटने लगा, और रजनी की सिसकारियां कमरे में गूंजने लगीं, “राहुल, तू तो मेरे बदन को आग लगा देगा!”
राहुल ने रजनी की मोटी जांघें चौड़ी कीं, और उसकी चूत को देखा। चूत गीली, चमकती, और इतनी रसीली कि राहुल का मुंह पानी से भर गया। उसने अपनी उंगलियों से चूत को सहलाया, और रजनी की चीख निकल गई, “हाय, राहुल, तू क्या कर रहा है!” राहुल ने अपनी जीभ से रजनी की चूत को चाटना शुरू किया, और रजनी का बदन कांपने लगा। उसकी चूत इतनी गर्म थी कि राहुल की जीभ जलने लगी। वो चूत को चाट-चाट के रजनी को पागल कर रहा था, और रजनी की सिसकारियां चीखों में बदल गईं, “राहुल, अब पेल दे, साले!” राहुल ने अपना लंड रजनी की चूत पर रखा, और एक जोरदार धक्का मारा। रजनी की चीख निकली, “आह्ह, राहुल, तू तो मेरी चूत फाड़ देगा!” लेकिन राहुल का जोश रुकने वाला नहीं था। वो धक्के पे धक्के मारने लगा, और रजनी के 40D चूचे हर धक्के के साथ उछल-उछल के बिस्तर पर तूफान मचा रहे थे। राहुल ने एक चूचा पकड़ा, निप्पल को मरोड़ा, और चोदते हुए बोला, “रजनी, तू तो साला कामसूत्र की किताब है!” रजनी की चीखें गूंज रही थीं, “राहुल, और जोर से, मेरी चूत को चीर दे!”
राहुल ने रजनी को पलटा, और उसकी मांसल गांड देख के उसका लंड और सख्त हो गया। गांड इतनी गोल और भारी थी कि राहुल का मन किया उसे चूम ले। उसने रजनी की गांड पर हल्का सा चपट मारा, और रजनी की सिसकारी निकली, “हाय, राहुल, तू तो शैतान है!” राहुल ने अपनी उंगलियों से रजनी की गांड को सहलाया, और फिर अपना लंड उसकी टाइट गांड में धीरे-धीरे पेल दिया। रजनी की चीख कमरे में गूंजी, “आह्ह, राहुल, तू मेरी गांड फाड़ देगा!” लेकिन वो मजे में थी। राहुल ने रजनी की कमर पकड़ के धक्के मारने लगा। हर धक्का इतना गहरा कि रजनी की गांड लाल हो गई। उसके चूचे बिस्तर पर रगड़ रहे थे, और रजनी की चीखें कमरे में तूफान ला रही थीं, “राहुल, तू तो मेरे बदन को तोड़ देगा!”
राहुल ने रजनी को फिर से पलटा, और उसकी टांगें अपने कंधों पर रखीं। उसकी चूत अब इतनी गीली थी कि बिस्तर भीग चुका था। राहुल ने लंड पेला, और धक्के इतने तेज कि रजनी का पूरा बदन हिल रहा था। उसके चूचे ऊपर-नीचे उछल रहे थे, और राहुल का लंड अंदर-बाहर हो रहा था। रजनी चिल्ला रही थी, “राहुल, मेरी चूत को जला दे!” राहुल ने रजनी के चूचों को फिर से पकड़ा, उन्हें मसला, और निप्पल्स को चूस-चूस के लाल कर दिया। उसने रजनी को अपनी गोद में बिठाया, और रजनी लंड पर उछलने लगी। उसके चूचे राहुल के चेहरे पर टकरा रहे थे, और राहुल उन्हें चूस-चूस के पागल हो रहा था। रजनी की चीखें कमरे में गूंज रही थीं, “राहुल, तू तो मेरी जिंदगी बना देगा!”
करीब डेढ़ घंटे तक ये कामयुद्ध चला। राहुल ने रजनी को हर कोण से तृप्त किया—उसके चूचों को निचोड़ा, गांड को थपथपाया, और चूत को गहराई तक भेदा। रजनी की चीखें अब मधुर स्वर बन चुकी थीं, और राहुल का लंड अंततः फट पड़ा। उसने रजनी की मांसल जांघों पर अपना सारा रस छिड़क दिया। रजनी, पसीने से तर, हंसते हुए बोली, “राहुल, तूने तो मेरी जांघों को गंगा-जमुना बना दिया!” राहुल, सांसें फूलती हुई, बिस्तर पर ढह गया। रजनी ने उसकी बांहों में सर टिकाया और बोली, “राहुल, तू तो साला गाँव का बादशाह है!” राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, “रजनी, अब तो हर रात तेरे आंगन में तारे गिनूंगा!” दोनों हंसे, और कमरे में सिर्फ उनकी सांसों की गर्मी और कामवासना की सुगंध बाकी रह गई।